| अध्याय-1 |
कम्प्यूटर : एक संक्षिप्त परिचय
कम्प्यूटर:- कम्प्यूटर एक तेजी से गणना करने का अभिकलन उपकरण है
कम्प्यूटर:- एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जो बाहर से निर्देश प्राप्त कर सकता है और तय कार्यक्रम के उपयोग से संख्यात्मक आँकड़ों या अन्य प्रकार की जानकारी दे सकता है।
कम्प्यूटर की विशेषताएँ
1. उच्च गति :- कम्प्यूटर में मनुष्यों की अपेक्षा अधिक गति से दैनन्दिन के कार्य पूरा करने की क्षमता है। वे जटिल गणनाओं को क्षणभर में कर सकते
|2. पारशुद्धता:-जब कोई कार्य मैन्युअल रूप से किया जाता है, तो हमेशा मानवीय त्रटि की सम्भावना होती है। यदि डाटा इनपुट सही है तो कम्प्यूटर का उपयोग उस तरीके से कार्य करने के लिए किया जा सकता है जो परिशुद्धता सुनिश्चित करता है। |
3. सग्रहण:-कम्प्यूटर बड़ी मात्रा में जानकारी संग्रह कर सकता है। जानकारी का संग्रह करने के बाद, जैसी आवश्यकता हो उसे वापस लाया जा सकता है।
4. स्वचलन:-कम्प्यूटर को जटिल कार्य स्वचालित रूप से करने के लिए कहा जा सकता है।
5. एकरूपता:-कम्प्यूटर एक ही कार्य को बिना थके बार-बार उसी परिशुद्धता के साथ कर सकते हैं।
6. बहुविज्ञता:-कम्प्यूटर का उपयोग आसान और जटिल दोनों ही कार्यों को करने के लिए किया जाता है।
7. लागत -प्रभाविता:-कम्प्यूटर्स कागजी कार्यवाही और मानवीय प्रयास की मात्रा को घटाते हैं, उसके द्वारा वे लागत में कटौती कर रहे हैं।
डाटा
यह तथ्यों और सूचनाओं का व्यवस्थित संकलन है।
यह दो प्रकार का होता है ।
(i) संख्यात्मक डाटा (Numerical Data)—यह अंकों से बनाया गया है जो 0, 1, 2, 3, ... 9 तक के अंकों पर आधारित है। इस डाटा पर अंकगणितीय क्रियाएँ की जा सकती हैं।
(ii) चिह्वात्मक डाटा (Alphanumeric Data)—यह चिह्नों और अक्षरों का उपयोग किया जाता है। इस डाटा के आधार पर तुलनात्मक निष्कर्ष निकालते हैं।
प्रोसेसिंग (Processing)
दिये हुए डाटा को प्रदर्शित करने योग्य बनाने के लिए अथवा उसमें से उपयोगी सूचनाएँ निकालने के लिए हमें उस डाटा पर कई प्रकार की क्रियाएँ (गणनाएँ, तुलनाएँ, परिवर्तन, आदि) करनी पड़ती हैं। इन क्रियाओं को सम्मिलित रूप से प्रोसेसिंग (Processing) कहा जाता है।
सूचना (Information)
इनपुट के रूप में हम कम्प्यूटर को कच्चा डाटा (Raw data) तथा निर्देश (Instruction) या प्रोग्राम (Program) देते हैं और आउटपुट के रूप में उससे हमें उपयोगी सूचनाएँ (Information), (रिपोर्ट, चार्ट, ग्राफ, आदि) प्राप्त होते हैं।
अनुदेश (Instruction)
डाटा पर कम्प्यूटर द्वारा कार्य किए जाने के लिए दिए गए निर्देशों को ही इन्स्ट्रक्शन कहते हैं। प्रोग्राम (Program)—इन अनुदेशों के समूह को प्रोग्राम कहते हैं। सॉफ्टवेयर (Software)—यह प्रोग्रामों के समुच्चय को, यह कम्प्यूटर के विभिन्न कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए उत्तरदायी होता है। कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली 5 प्रकार की होती है।
1. इनपुट:-की-बोर्ड, माउस, स्कैनर, आदि के द्वारा हम अपने निर्देश, प्रोग्राम तथा इनपुट-डाटा प्रोसेसर को भेजते हैं।
2. प्रोसेसर:-यह निर्देश तथा प्रोग्राम का पालन करके कार्य सम्पन्न करता है।
3. संग्रह :- भविष्य के प्रयोग के लिए सूचनाओं को संग्रह के माध्यमों-हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, आदि पर एकत्र किया जाता है।
4. आउटपट:- प्रोग्राम/निर्देश का पालन हो जाने पर आउटपुट को स्क्रीन, प्रिण्टर, आदि साधनों पर भेज दिया जाता है।
5. सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट:- सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को केन्द्रीय विश्लेषक इकाई भी कहा जाता है, यह कम्प्यूटर का वह भाग है जहां पर कम्प्यूटर प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है।
डाटा पोसेसिंग और इलेटॉनिक डाटा प्रोसेसिंग
कम्प्यूटर क्योकि डाटा की प्रोसेसिंग करता है, इसलिए उसके कार्य को डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing) कहा जाता है। क्योंकि कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है. इसलिए इस कार्य को इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग (Electronic Data Processing), संक्षेप में ईडीपी (EDP) भी कहा जाता है।
कम्प्युटर सिस्टम
कम्प्युटर उपकरणों का एक समूह है, जो एकत्रित होकर डाटा प्रोसस करते हैं। यह कंप्यूटर सिस्टम में अनेक इकाइयां होती हैं जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग में होता है।
इनपुट यूनिट (Input Unit)—जो यूजर (User) से डाटा प्राप्त कर सेण्ट्रल प्रोसिंग यूनिट को इलेक्ट्रॉनिक पल्स के रूप में प्रवाहित करती है|
सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)--CPU एक इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोचिप है जोकि डाटा को इन्फॉर्मेशन में बदलते हए प्रोसेस करता है। इसको कंप्यूटर का दिमाग कहा जाता है। इसको निम्नलिखित भागों में बाँटा गया है
1. अर्थमैटिक लॉजिक युनिट (ALU)-इसका उपयोग गणितीय और अंकगणितीय गणना के अन्तर्गत जोड, घटाव,घोड़ा तथा भाग आदि में किया जाता है।
2. कण्ट्रोल युनिट (Control Unit) -कम्प्यूटर के सभी कामों को नियन्त्रित करता है और कम्प्यूटर के सभी भागों जैसे इनपुट ,आउटपुट, डिवाइसेज, प्रोसेसर, आदि की सभी गतिविधियों के बीच तालमेल रखता है।
3. मेमोरी यूनिट (Memory Unit)—यह मुख्यत: दो भागों—प्राइमरी और सेकण्डरी मेमोरी में बाँटा गया है। वर्तमान में उपयोग किए जा रहे Data और निर्देश का संग्रह प्राइमरी मेमोरी में होता है। सेकण्डरी मेमोरी का उपयोग बाद में उपयोग किये जाने वाले डाटा तथा निर्देशों को संग्रहित करने में होता है।
प्राथमिक या मुख्य मेमोरी–इसे दो भागों में विभाजित किया जा सकता है
(a) रैम (RAM-Random Access Memory) रैम एक अस्थायी मेमोरी है जिसमें सक्रिय डाटा और प्रोग्राम रखे जाते हैं, जिससे वे प्राप्त हो सकें तथा सी.पी.यू. से आसानी से एसेस (Access) किये जा सकें।
(b) रोम (ROM-Read Only Memory)-रोम एक स्थायी मेमोरी है जिसमें रखे डाटा व सूचनाएँ स्वयं नष्ट नहीं होते हैं।
4. आउटपुट यूनिट (Output Unit)—यह सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट से डाटा लेकर उसे यूजर को समझने योग्य बनाती है।
CPU की गति को प्रभावित करने वाले कारक
(i) शब्द परास (Word Length)–शब्द परास अधिक होने से कम्प्यूटर की गति बढ़ जाती है।
(ii) कम्प्यूटर घड़ी (System Clock)-कम्प्यूटर में एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तन क्लॉक पल्स से होता है।
(iii) समानान्तर गणना (Parallel Processing)—यह एक साथ कई माइक्रो प्रोसेसर को समानान्तर क्रम में जोड़कर कार्य करने से CPU की गति क्षमता बढ़ जाती है।
(iv) कैश मेमोरी (Cache Memory)—यह मेमोरी यूनिट और कम्प्यूटर की गति के बीच समन्वय स्थापित किया जाता है।
(v) CPU और अन्य उपकरणों के बीच समन्वय-यह CPU की कार्य क्षमता और अन्य उपकरणों की गति क्षमता में तालमेल रखता है।
कम्प्यूटर की सीमाएँ ।
(i) बुद्धिहीन (No Mind) कम्प्यूटर में स्वयं की सोचने तथा निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती है।
(ii) खर्चीला (Expensive)-कम्प्यूटर के हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर बहुत कीमती होते हैं।
(iii) वायरस का खतरा (Immune to Virus)-कम्प्यूटर में वायरस होने का खतरा बना रहता है जो सूचना तथा निर्देशों को दूषित कर सकता है
(iv) विद्युत पर निर्भरता (Depends on Electricity)–कम्प्यूटर अपने कार्य के लिए विद्युत पर निर्भर रहता है।
कम्प्यूटर के अनुप्रयोग
कम्प्यूटर का प्रयोग ज्यादातर क्षेत्रों में किया जा रहा है। वर्तमान में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहाँ पर कम्प्युटर प्रयोग नहीं किया जा रहा है । कम्प्यूटर के विभिन्न अनुप्रयोग किये जा रहे हैं।
(i) डाटा प्रोसेसिंग (Data Processing)—यह बड़े तथा विशाल सांख्यिकीय डाटा से सूचना तैयार करने में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है।
(ii) सूचनाओं का आदान-प्रदान (Exchanges of Informations)-यह भण्डारण की विभिन्न पद्धतियों के विकास तथा कम स्थान घेरने के कारण ये सूचनाओं के आदान-प्रादन के बेहतर माध्यम साबित हो रहे हैं।
(iii) शिक्षा (Education)—यह मल्टीमीडिया के विकास तथा कम्प्यूटर आधारित शिक्षा ने इसको विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बनाया है।
(iv) वैज्ञानिक अनुसन्धान (Scientific Research)--यह विज्ञान के अनेक जटिल रहस्यों को सुलझाने में कम्प्यूटर की सहायताली जाती है
(v) रेलवे और वायुयान आरक्षण (Railway and Airlines Reservation) यह कम्प्युटर की सहायता से किसी स्थानके किसी अन्य स्थान के लिए रेलवे तथा वायुयान की टिकट ली जा सकती है।
(vi) बैंक (Bank) कम्प्यूटर के अनुप्रयोग एटीम और ऑनलाइन बैंकिंग, चेक के भुगतान, आदि में उपयोग किया जा रहा है।
(vii) चिकित्सा (Medicine) कम्प्यूटर का प्रयोग शरीर के अन्दर के रोगों का पता लगाने उनका विश्लेषण और निदान करने में किया जा रहा है।
(viii) रक्षा (Defence) कम्प्यूटर का प्रयोग रक्षा अनुसन्धान, वायुयान नियन्त्रण, मिसाइल, आदि में किया जा रहा है।
(ix)अन्तरिक्ष प्रौधोगिकी (Space Technology)_कम्प्यूटर का प्रयोग तीव्र गणना क्षमता के कारण ही ग्रहों, उपग्रहों तथा अन्तरिक्ष की घटनाओं का सूक्ष्म अध्ययन किया जा सकता है।
(x) संचार (Communication)-कम्प्यूटर का प्रयोग टेलीफोन, इन्टरनेट ने संचार क्रान्ति को जन्म दिया है।
(xi) उद्योग व व्यापार (Industry and Business)—यह उद्योगों में कम्प्यूटर के प्रयोग से अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तुओं का उत्पादन संभव हो पाया है।
(xii) मनोरंजन (Recreation)-कम्प्यूटर का प्रयोग सिनेमा, टेलीविजन के कार्यक्रम, वीडियो गेम, आदि में होता है।
(xiii) प्रकाशन (Publishing)--कम्प्यूटर का प्रयोग प्रकाशन तथा छपायी में सुविधाजनक तथा आकर्षक बनाता है।
(xiv) प्रशासन (Administration)—यह प्रशासन में पारदर्शिता लाने और सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने तथा विभिन्न प्रशासनिक तन्त्रा में बेहतर तालमेल के लिए ई-प्रशासन का उपयोग कम्प्यूटर की सहायता से सम्भव हो पाया है।
(xv) डिजिटल पुस्तकालय (Digital Library)—यह पुस्तकों को अंकीय स्वरूप प्रदान कर उन्हें अत्यन्त कम स्थान में अधिक समय के लिए। सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे इण्टरनेट से जोड़ देने पर किसी भी स्थान से पुस्तकालय में संगृहीत सूचना को प्राप्त किया जा सकता है।
कम्प्यूटर के अनुप्रयोग के अभाव
(i) समय की बचत कम्प्यूटर के कार्य करने की गति अत्यन्त तीव्र है।।
(ii) त्रुटिरहित कार्य—इसमें कम्प्यूटर के प्रयोग से कार्य में त्रुटि की सम्भावना नगण्य हो जाती है।
(iii) कार्य की गुणवत्ता कम्प्यूटर हर बार समान गुणवत्ता से काम करता है। यह बार-बार एक ही कार्य करने के बाद भी उत्पाद की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता है।
(iv) कागज की बचत—इस डाटा संग्रहण की इलेक्ट्रॉनिक विधियों के उपयोग और उनकी विशाल भण्डारण क्षमता के कारण कम्प्यूटर के प्रयोग से। कागज की बचत सम्भव हो पाती है।
(v) रोजगार में वृद्धि (Increase in Employment) कम्प्यूटरों के व्यापक उपयोग ने इससे सम्बन्धित कई क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर प्रदान किये हैं। सॉफ्टवेयर निर्यात के क्षेत्र में करोड़ों मानव श्रम दिवसों का रोजगार प्राप्त किया गया है, जिससे देश को कीमती विदेशी मुद्रा भी उपलब्ध हो रही है।
अध्याय-2
कम्प्यूटर की उत्पत्ति एवं विकास
[COMPUTER'S EXISTENCE AND DEVELOPMENT]
कम्प्यूटर का इतिहास
हालाकि आधुनिक कम्प्यूटरों को अस्तित्व में आये हुए मुश्किल से 50 वर्ष ही हुए हैं. लेकिन उनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है । कम्प्यूटर का जो रूप हम आजकल देख रहे हैं, वह अचानक ही प्राप्त नहीं हुआ, बल्कि यह हजारों वर्षों की वैज्ञानिक खोजों का फल है।
जबसे मनुष्य ने गिनना सीखा है, तभी से उसका यह प्रयास रहा है कि गणना करने में सहायता करने वाले यन्त्र का निर्माण किया जाए। संख्या पद्धति (Number System) के प्रयोग तथा भारतीय गणितज्ञों द्वारा ‘शन्य' का आविष्कार किये जाने के बाद मानव के लिए संख्याओं का महत्त्व बहुत बढ़ गया था,
गणना में सहायक यन्त्रों की आवश्यकता अनुभव की जाने लगी। इसके परिणामस्वरूप सबसे पहले गिनतारा (Abacus) अस्तित्व में आया और बाद में भी कई यन्त्रों का निर्माण किया गया। इनका संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है
(i) गिनतारा (Abacus)—यह सबसे पहला और सबसे सरल यन्त्र है जिसका प्रयोग गणना करने में सहायता के लिए किया गया था। इसका इतिहास | 5000 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। ईसा पूर्व 3500 से 3000 में चीन में इसका व्यापक उपयोग होने के प्रमाण प्राप्त हुए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि गिनतारा आजकल भी अपने प्रारिम्भक रूप में ही रूस, चीन, जापान, पर्वी एशिया के देशों तथा भारत में भी कुछ स्कूलों में प्रयोग किया जाता है।
(ii) नापयरा बान (Napier's Bones)—स्कॉटलैण्ड के गणितज्ञ जॉन नेपियर ने सन् 1617 में ऐसी आयताकार पट्टियों का निर्माण किया था, जिनकी सहायता से गुणा करने की क्रिया अत्यन्त शीघ्रतापर्वक की जा सकती थी। ये पट्टियाँ जानवरों की हड्डियों से बनी थीं, इसलिए इन्हें नेपियरी बोन कहा गया।
(iii) स्लाइड रूल (Slide Rule)-जॉन नेपियर ने सन 1617 में गणनाओं की लघुगणक (Logarithm) विधि का आविष्कार कर लिया था। इस विधि मदा संख्या का गुणनफल, भागफल, वर्गमूल, आदि किसी चुनी हुई संख्या के घातांकों को जोडकर या घटाकर निकाला जाता है। आज भी बड़ी-बड़ी गणना में, यहां तक कि कम्प्यूटर में भी. इस विधि का प्रयोग किया जाता है। सन् 1620 में जर्मनी के गणितज्ञ विलियम ऑटरेड ने स्लाइड रूल नामक एक एसी वस्तु का आविष्कार किया, जो लघुगणक विधि के आधार पर सरलता से गणनाएँ कर सकती थी। इसमें दो विशेष प्रकार की चिह्नित पट्टियाँ होती हैं, जिन्ह बराबर में रखकर आगे-पीछे सरकाया जा सकता है। इन पर चिह्न इस प्रकार पडे होते हैं कि किसी संख्या की शुन्य (Zero) वाले चिह्न से वास्तविक दूरी उस संख्या के किसी साझा आधार पर लघुगणक के समानुपाती होती है।
स्लाइड रूल का उपयोग वैज्ञानिक गणनाओं में कई शताब्दियों तक किया जाता रहा। बीसवीं शताब्दी के आठवें दशक में पॉकेट कैलकुलेटरों के आने के बाद ही इनका प्रयोग बन्द हुआ है।
(iv) पास्कल का कैलकुलेटर (Pascal's Calculator)–गणनाएँ करने वाला पहला वास्तविक यन्त्र महान फ्रांसीसी गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज पास्कल ने सन् 1642 में बनाया था। इसे पास्कल का कैलकुलेटर या पास्कल की एडिंग मशीन कहा जाता है। इस मशीन का प्रयोग संख्याओं को जोड़ने और घटाने में किया जाता था। जब पास्कल केवल 18 वर्ष का था, तब अपने टैक्स सुपरिटेंडेण्ट पिता की सहायता के लिए उसने यह यन्त्र बनाया था।
(v) लेबनिज का यान्त्रिक कैलकुलेटर (Mechanical Calculator of Leibnitz)–जर्मन गणितज्ञ लेबनिज ने सन् 1671 में पास्कल के कैलकुलेटर में कई सुधार करके एक ऐसी जटिल मशीन का निर्माण किया, जो जोड़ने तथा घटाने के साथ ही गुणा करने तथा भाग देने में भी समर्थ थी। इस यन्त्र से गणनाएँ करने की गति बहुत तेज हो गयी। इस मशीन का व्यापक पैमाने पर उत्पादन किया गया। अभी भी अनेक स्थानों पर इससे मिलती-जुलती मशीनों का उपयोग किया जाता है।
(vi) बैबेज का डिफरेंस इंजन (Difference Engine of Babbage)–कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के गणित के प्रोफेसर चार्ल्स बैबेज (1792-1871) को आधुनिक कम्प्यूटरों का जनक (पिता) कहा जाता है। गणित के क्षेत्र में उनका पहला महत्त्वपूर्ण योगदान था एक ऐसा यन्त्र बनाना, जो विभिन्न बीजगणितीय फलनों का मान दशमलव के 20 स्थानों तक शुद्धतापूर्वक ज्ञात कर सकता था। इस मशीन को डिफरेंस इंजन कहा जाता था, क्योंकि यह इस सिद्धान्त के आधार पर बनाया गया था कि किसी बीजगणितीय बहुघातीय फलन (Polymial) में आस-पास के दो मानों का अन्तर सदा नियत रहता है।
(vii) बैबेज का एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine of Babbage)-अपने डिफरेंस इंजन की सफलता और उपयोगिता से प्रेरित होकर चार्ल्स लैबेज ने एक ऐसे यन्त्र की पूरी रूपरेखा (Design) तैयार की जो आजकल के कम्प्यूटरों से आश्चर्यजनक समानता रखती है। इस मशीन को एनालिटिकल इंजन कहा गया। इस प्रस्तावित मशीन के पाँच प्रमुख भाग थे
1. इनपुट इकाई–आँकड़ों को ग्रहण करने के लिए।
2. स्टोर–आँकड़ों तथा निर्देशों को संग्रहीत या भण्डारित करने के लिए।
3. मिल–अंकगणितीय क्रियाएँ करने के लिए।
4. कंट्रोल-स्टोर तथा मिल में संख्याओं और निर्देशों के आवागमन के लिए
5. आउटपुट इकाई–परिणाम छापने के लिए।
(viii) जेकार्ड्स लूम (Jacquard's Loom) फ्रांस (1804 ई.) में इस यन्त्र का आविष्कार हुआ। जैसेफ मैरीजेकार्ड् ने खोज की।
इस मशीन को विशेषता थी
1.पंचकाई के उपयोग से सूचना और निर्देशों को कोडित किया जाता था।
2. यह पंचकार्ड में कोडित सूचना तथा निर्देशों का समूह एक प्रोग्राम के रूप में कार्य करता था।
(ix) होलेरिथ सेनास टेबुलेदर (hollerinch Census Tabulator)--
- अमेरिका (1880 ई.) में इस मशीन का आविष्कार हुआ।
- डॉ. हर्मन होलेरिथ इस मशीन के आविष्कारक थे। ।
- जनगणना कार्य के लिए इस मशीन का आविष्कार हुआ।
- यान्त्रिक इस कम्पनी को मशीनें होती थीं।
(x)एटानासोक बेरी कम्प्युटर (ABC)
- 1937 ई. में इस मशीन का आविष्कार हुआ।
- डॉ. जॉन वी, एटानासोफ तथा क्लीफार्ड बेरी इस मशीन के आविष्कारक थे।
(xi) एनिएक (ENIAC-Econic Numental Integrated Calculator) से विश्व का प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर एनिऐक है।
- अमेरिका (1946 ई.) में इस मशीन का आविष्कार हुआ है।
- आधुनिक कम्प्यूटर का प्रोटोटाइप Mark-1 को माना जाता है। (vi) (xii)यूनिवैक-1(UNIVAC-1)
- 1951 ई. में इस कम्प्यूटर का विकास हुआ।
- Universal Automatic Computer यूनिवैक को कहा जाता है।
- • कम्प्यूटर को प्रथम पीड़ी के इस मशीन में गुण हैं।
हार्डवेयर के आधार पर वर्गीकरण
(i) प्रथम पीढी (First Generation) (1942-1955 AD)
- इस पीढी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम ट्यूबो का प्रयोग किया जाता था।
- इस पीढी का समय मोटे तौर पर सन् 1946 से 55 तक माना जाता था। ।
- उस समय वैक्यूम ट्यूब ही एकमात्र इलैक्ट्रॉनिक पुर्जा था जो उपलब्ध होता था।
- इस पीढी के कम्प्यूटर आकार में बहुत बड़े होते थे।
(ii) दूसरी पीढी(Second Generation) (1955-1965 AD)
- इस पीढी के कम्प्यूटरों का समय सन् 1955 से 1965 तक माना जाता है।
- दूसरी पीढी के कम्प्यूटर की गति और संग्रहण क्षमता भी तेज थी।
- इससे पहले हो अमेरिका को बैल लैबोरेटरी ने ट्रांजिस्टर की खोज कर ली थी।
- इस पीढी के अन्य कम्प्यूटर थे-आई.बो. एम(IBM).-1602, आई बी एम-7094-1, सी डी सी,3600 आर सो ए. 501 univac 1107 आदि।।
(iii) तीसरी पीढी (Third Generation) (1965-1975 AD)
- इस पीढी के कम्यूटरों का समय सन् 1965 से 1975 तक माना जाता है।
- इनमें एकीकृत परिपथों या चित्रों का उपयोग किया जाता था।
- इस पीढी के कम्प्यूटर आकार में छोटे होने के साथ-साथ सस्ते भी थे।
(iv) चौथी पीढ़ी (Fourth Generation)
- इनमें बिजली की खपत बहुत कम होती है।
- इस पीढी के कम्प्यूटरों का समय सन् 1975 से 1990 तक माना जाता है।
- रैम को क्षमता में वृद्धि से समय को बचत हुई तथा कार्य अत्यन्त तीव्र गति से होने लगा।
(v) पाँचवी पीढी (Fifth Generation)
- सन् 1990 के बाद के समय में ऐसे कम्प्यूटरों के निर्माण का प्रयास चल रहा है।
- जिनमें कंप्यूटिंग की ऊंची क्षमताओं के साथ-साथ तर्क करने निर्णय लेने तथा सोचने का भी समर्थय हो।
- वैज्ञानिकों का दावा है पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर मानव के दिमाग की तरह होंगे।
विशेष एवं सामान्य उद्देश्य के कम्प्यूटर्स
(i) विशेष उद्देश्य के कम्प्यूटर्स (Special Purpose Computer) ।
- ये ऐसे कम्प्यूटर होते हैं, जो किसी विशेष कार्य के लिए ही तैयार किये जाते हैं।
- उस कार्य की आवश्यकता के अनुसार ही उसमें सी.पी.यआदि आन्तरिक अवयव तथा बाहरी उपकरण जोड़े जाते हैं
(ii) जनरल परपज कम्प्यूटर (General Purpose Computers)
- इसका प्रयोग किसी विशेष कार्य के लिए नहीं होता है।
- यह कम्प्यूटर एक से अधिक कठिनाइयों को दूर करने में सक्षम होते हैं।
- इनका उपयोग साधारण अकाउण्टिंग से लेकर जटिल अनुरूपण तथा पूर्वानुमान में होता है।
कार्य पद्धति के आधार पर वर्गीकरण
(i) डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
- इनकी गणना 0 या 1 से निरूपित की जाती है।
- यह डिजिटल कम्प्यूटर आँकड़ों को इलेक्ट्रॉनिक पल्स के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- यह आधुनिक डिजिटल कम्प्यूटर में द्विआधारी पद्धति प्रयुक्त होती है।
(ii) एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)
- कम्प्यूटर में विद्युत के एनालॉग रूप का उपयोग किया जाता है।
- इसकी गति धीमी होती है।
(iii) हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer)
- यह कम्प्यूटर डिजिटल तथा एनालॉग का मिश्रित रूप है।
- इनमें इनपुट और आउटपुट एनालॉग रूप में व्यक्त होता है।
(iv) प्रकाशीय कम्प्यूटर (Optical Computer)
- पाचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरों के रूप में इस प्रकार के कम्प्यूटर बनाए जा रहे हैं जिनमें एक अवयव को दूसरे से जोड़ने का कार्य ऑप्टिकल फाइबर के तारों से किया जाता है।
(v) एटॉमिक कम्प्यूटर (Atomic Computer)
- ऐसे एटॉमिक कम्प्यूटर की खोज की जा रही है जो कुछ विशेष प्रोटीन अणुओं को एकीकृत परिपथ में बदलते हैं।
आकार के आधार पर वर्गीकरण
(i) मेनफ्रेम कम्प्यूटर Mainframe Computer)
- इसमें कार्य करने की क्षमता और गति अत्यन्त तीव्र होती है।
- उपयोग–बैंकिंग, अनुसन्धान, रक्षा, अन्तरिक्ष, आदि के क्षेत्र में।
(ii) मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
- मिनी कम्प्यूटर का आकार मेनफ्रेम से काफी छोटा होता है।
- इन पर एक साथ कई लोग काम कर सकते हैं।
- उपयोग–कम्पनी, यात्री, आरक्षण, अनुसन्धान, आदि में।
(iii) माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
- माइक्रो कम्प्यूटरों में प्रोसेसर के रूप में माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है।
- इनमें इनपुट के लिए की-बोर्ड और आउटपुट देखने के लिए मॉनीटर का प्रयोग किया जाता है।
- उपयोग–व्यावसायिक रूप में, घरों में, मनोरंजन, चिकित्सा, आदि के क्षेत्र में।
(iv) पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer)
- यह कम्प्यूटर आकार में बहुत छोटे होते हैं।
- इसे इण्टरनेट से भी जोड़ा जा सकता है।
(v) लैपटॉप (Laptop)
- लैपटॉप पर्सनल कम्प्यूटर की तरह ही कार्य करता है।
- CPU, Monitor, Keyboard, Mouse तथा अन्य ड्राइव भी इसमें संयुक्त होते हैं।
(vi) पामटॉप (Palmtop)
- इस कम्प्यूटर का आकार बहुत छोटा होता है।
- इसे हथेली पर रखकर प्रयोग किया जाता है।
(vii)सुपर कंप्यूटर (super computer)
- यह कंप्यूटर विश्व का सर्वाधिक शक्तिशाली कंप्यूटर है
- विश्व में प्रथम सुपर कंप्यूटर 1976 ईस्वी में cray 1 के रिसर्च कंपनी द्वारा विकसित हुआ था
भारत में सुपर कंप्यूटर
भारत का प्रथम सुपर कंप्यूटर फ्लो सोल्वर था जिसे नेशनल एयरोनॉटिकल लेबोरेटरी (NAI) ने विकसित किया था।
CDAC(Centre for development of Advanced computing)
भारत में सुपर कंप्यूटर के विकास में यह सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। इसके द्वारा विकसित सुपर कंप्यूटर है परम ,परम टेन थाउजेंड, परम पदम ,परम अन्नत ,परम युवा आदि
C DOT
संस्था ने चिप्स (CHIPPS)नामक सुपर कंप्यूटर का विकास किया
DRDO
इस संगठन ने अनुराग इकाई ने PACE नामक सुपर कंप्यूटर का विकास किया
BARC
मुंबई स्थित इस संस्था ने अनुपम सीरीज के सुपर कंप्यूटर का विकास किया
TATA
टाटा ने एक्रा नामक सुपर कंप्यूटर का विकास किया
अध्याय-3
इनपुट और आउटपुट डिवाइस [INPUT AND OUTPUT DEVICE)
जिन युक्तियों का प्रयोग डाटा और निर्देशों को कम्प्यूटर में प्रविष्ट कराने के लिए किया जाता है, वे सभी युक्तियाँ आगम अथवा इनपुट डिवाइस (Input Device) है। यह भी कहा जा सकता है कि मानवीय भाषा में प्रविष्ट किए जा रहे डाटा अथवा प्रोग्राम को कम्प्यूटर के समझने योग्य रूप में परिवर्तित करने के लिए प्रयोग की जाने वाली युक्तियों को इनपुट युक्तियाँ कहा जाता है।
इनपुट युक्तियों के उदाहरण-की-बोर्ड, टैकर बॉल, लाइट पेन, जायस्टिक, हैण्ड-हैल्ड टर्मिनल, बार कोड रिकॉग्नीशन, OMR,OCR and MICR
(i) की-बोर्ड (Key-board) मुख्य और सुगम ऑनलाइन इनपुट डिवाइस है। यह एक टाइपराइटर के समान कुजियों वाला उपकरण है । इसमें कुंजियों की संख्या टाइपराइटर से अधिक होती है।
की-बोर्ड की सभी कुंजियों को हम चार श्रेणियों में बाँट सकते हैं-
- एल्फान्यूमेरिक कंजियाँ
- न्यूमेरिक पैड
- फंक्शन-कुंजियाँ
- विशिष्ट उद्देशीय कुंजियाँ।
(ii) माउस (Mouse)—यह एक ऑनलाइन इनपुट डिवाइस है जिसे हम अपने हाथ में पकड़कर काम में लेते हैं। समतल सतह पर माउस को खिलाने से इसमें नीचे लगी बॉल घूमती है, जो माउस में लगे छोटे-छोटे रोलरों को संवेदित करती है।
(iii) ऑप्टीकल मार्क रीडर (OMR : Optical Mark Reader)--यह किसी कागज पर पेन्सिल या पेन के चिह्न की उपस्थिति और अनपस्थिति को जाँचती है। यह तकनीकी केवल छपे हुए कार्ड या फार्म पर निश्चित स्थानों पर बने बक्सों और पेन्सिल से भरे बक्सों को जाँचती है।
(iv) ऑप्टीकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन (OCR : Optical Character Recognition)--एक ऐसी तकनीक है जिसमें पहले से छपे कैरेक्टर्स को परस्पर फर्क देखकर मानक कैरेक्टर्स से पहचान की जाती है।
(v) मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर (MICR : Magnetic Ink Character Reader)-बैंकिंग में अधिक उपयोग की जाने वाली तकनीक है, जहाँ अधिक संख्या में चेक जाँचे जाते हैं। इस तकनीक में चेक पर विशेष चुम्बकीय स्याही द्वारा कैरेक्टर छपे होते हैं। रीडर चेक पर छपे कैरेक्टर को चुम्बकीय कॉइल के संवेदन से पढ़ता है।
(vi) स्कैनर (Scanner)—ये कम्प्यूटर में किसी पृष्ठ पर बनी आकृति या लिखित सूचना को सीधे इनपुट करता है। इसका मुख्य लाभ यह कि यूजर को सूचना टाइप नहीं करनी पड़ती है।
(vii) जॉयस्टिक (Joystick)—यह खेल खेलने के काम में आने वाली डिवाइस है। जॉयस्टिक के माध्यम से स्क्रीन पर उपस्थित टर्टर या आकृति को इसके हैण्डल से पकड़ कर चलाया जा सकता है।
(viii) लाइट पेन (Light Pen)–लाइट पेन का कम्प्युटर स्क्रीन पर कोई भी आकृति बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। लाइट पेन में एक फोटो सेल होता है लाइट पेन की टिप से कम्प्यूटर स्क्रीन पल्स स्क्रीन से ट्रॉन्समिट होकर प्रोसेसर के अन्दर प्रवेश कर जाती है।
(ix) डिजीटाइजर टेबलेट या ग्राफिग टेबलेट (Digitizer Tablet)–ग्राफिग टेबलेट एक ड्राइंग सतह होती है इसके ऊपर पेन या माउस होता है। ड्राइंग सतह में पतले तारों का जाल होता है जिस पर पेन या माउस को चलाने से संकेत कम्प्यूटर में चले जाते हैं।
(x) टच स्क्रीन (Touch Screen)—सारे टच टर्मिनल एक सेन्सीटिव स्क्रीन रखते हैं जिनमें कि एक की-बोर्ड होता है तथा वह डाटा को इनपुट कराने की अनुमति प्रदान करता है।
आउटपुट डिवाइस (Output Device)
(i) मॉनीटर (Monitor)
- मॉनीटर आउटपुट डिवाइस चित्र या प्रोसेस इनपुट की रिजल्ट को स्क्रीन पर दिखाता है।
- ये कम्प्यूटर और यूजर के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है।
(ii) प्रिण्टर (Printer)
- यह एक मुख्य आउटपुट डिवाइस है। इसके द्वारा प्रिण्टेड कॉपी या हार्ड कॉपी कागज पर प्राप्त की जाती है।
(iii) स्पीकर (Speaker)
- स्पीकर ध्वनि के रूप में आउटपुट देता है।
- इनके लिए CPU में साउण्ड का कार्ड होना आवश्यक है।
- इनका उपयोग संगीत या किसी तरह की ध्वनि सुनने में होता है।
(iv) प्लॉटर (Plotter)
- प्लॉटर एक साउण्ड डिवाइस है, जिसका उपयोग ग्राफ प्राप्त करने के लिए होता है।
- इनका उपयोग इंजीनियर, चिकित्सक, वास्तुविद, सिटीप्लॉनर, आदि करते हैं।
- प्लॉटर ग्राफ तथा रेखाचित्र जैसे आउटपुट प्रदान करता है। .
(v)स्कीन इमेज प्रोजेक्टर (Screen Image Projector)
- यह एक हार्डवेयर डिवाइस है, जो बडी सतह पर्दे पर चित्रों को दिखाता है।
- इसका प्रयोग प्रस्तुतियों और बैठकों में किया जाता है।
अध्याय-4
मेमोरी (MEMORY]
- यह मेमोरी कम्प्यूटर को आन्तरिक भण्डारण क्षेत्र है।
- मेमोरी में जमा डाटा और निर्देश की प्रोसेसिंग की जाती है तथा आउटपुट मिलता है।
- मेमोरी कम्प्यूटर का एक अभिन्न अंग है।
डाटा प्रतिनिधित्व (Data Representation)
- यह मेमोरी बहुत सारे सैल में बँटी होती है जिन्हें लोकेशन कहा जाता है।
- हर लोकेशन का एक अलग लेबिल होता है जोकि एड्रेस कहलाता है।
- सैल का उपयोग डाटा तथा निर्देश को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।
- यह बर्ड लेन्थ 8,16,32,64 बिट की हो सकती है।
- बिट बाइनरी डिजिट की सबसे छोटी इकाई है।
मेमोरी के प्रकार (Types of Memory)
- सेमीकण्डक्टर (Semiconductor) याप्राथमिक (Primary) या मुख्य (Main) मेमोरी
- कैश (Cache)
- अस्थायी (Volatile)
- स्थायी (Non-volatile) - रोम (ROM) -- प्रॉम् । - ई-प्रॉम ई-ई प्रॉम
- रैम (RAM)
- द्वितीयक (Secondary) या सहायक (Auxiliary) या बेकिंग स्टोर (Backing Store) मेमोरी
- हार्ड डिस्क
- मैग्नेटिक टेप
- सीडी रोम
- फ्लॉपी डिस्क
- पेन ड्राइव
- फ्लैश मेमोरी
- डीवीडी
(A) प्राथमिक संग्रहण
यह वह युक्तियाँ होती हैं जिसमें डाटा व प्रोग्राम्स तत्काल प्राप्त एवं संग्रह किये जाते हैं।
रीड-राइट मेमोरी, रैम (RAM)-इस मेमोरी में प्रयोगकर्ता अपने प्रोग्रम को कुछ देर के लिए संचित कर सकते हैं, यही कम्प्यूटर की बेसिक मेमोरी भी कहलाती है।
यह निम्नलिखित दो प्रकार की होती हैं।
1. स्टैटिक रैम (SRAM)-स्टैटिक रैम में संचित किए गए आँकड़े स्थित रहते हैं। इस RAM में बीच के दो आँकड़े मिटा दिए जाएँ, तो इस खाली स्थान पर आगे वाले आँकड़े खिसक कर नहीं आएँगे।
2. रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory)--इसमें लिखे हुए प्रोग्राम के आउटपुट को केवल पढ़ा जा सकता है, परन्तु उसमें अपना प्रोग्राम संचित नहीं किया जा सकता। बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (BIOS) नाम का एक प्रोग्राम ROM का उदाहरण है, जो कम्प्यूटर के ऑन होने पर उसका सभी इनपुट आउटपुट युक्तियों की जाँच करने एवं नियन्त्रित करने का काम करता है।
प्रोग्रामेबिल रॉम (PROM: Programmable Read Only Memory)—इस स्मृति में किसी प्रोग्राम को केवल एक बार संचित किया जा सकता है परन्तु न तो उसे मिटाया जा सकता है और न ही उसे संशोधित किया जा सकता है। मिटाया जा सकता है।
इरेजेबिल प्रॉम (EPROM: Erasable Programmable Read Only Memory)-इसमें संचित किया गया प्रोग्राम पराबैंगनी किरणों के माध्यम से मिटाया जा सकता है
(EPROM: Electricaly Erasable Programmable Read Only Memory)- इलेक्टिकली इरेजेबिल प्रॉम पर स्टोर किये गए प्रोग्राम को मिटाने अथवा संशोधित करने के लिए किसी अन्य उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। कम्प्यूटर में उपलब्ध इलेक्ट्रिक सिगनल्स ही इसे प्रोग्राम को संशोधित कर देते हैं।
(B) द्वितीयक संग्रहण
यह एक स्थाई संग्रहण युक्ति है। इसमें संग्रहित डाटा तथा प्रोग्राम्स कम्प्यूटर के ऑफ होने के बाद भी इसमें स्थित रहते हैं।
मैग्नेटिक टैप-इसमें 1/2 इंच चौडाई वाली प्लास्टिक की बिना जोड वाली लम्बी पट्टी होती है जिस पर फैरोमैग्नेटिक पदार्थ की परत चढ़ाई जाती है।।
मैग्नेटिक डिस्क-इसमें सभी डिस्क एक के ऊपर एक समान्तर लगी होती हैं। सभी डिस्कों के बने इस माध्यम को डिस्क पैक कहते हैं। डिस्क पैक में। 11 अथवा 20 ऐसी सतहें होती हैं।
फ्लॉपी डिस्क—यह एक छोटी लचीली डिस्क होती है जिसकी डाटा संग्रह करने की क्षमता बहुत अधिक नहीं होती। एक लचीली प्लास्टिक शीट के ऊपर मैग्नेटिक ऑक्साइड कोडिंग करके इसे तैयार किया जाता है।
रेण्डम एक्सेस मेमोरी (RAM)
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रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory)
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फ्लॉपी डिस्क
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फ्लॉपी डिस्क
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CD-ROM
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DVD
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डिस्केट या फ्लॉपी के रूप में भी सन्दर्भित
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फिक्स्ड डिस्क के रूप में भी सन्दर्भित
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कॉम्पैक्ट डिस्क के रूप में भी सन्दर्भित
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डिजिटल परिवर्तनशील डिस्क के रूप में सन्दर्भित
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निकालने योग्य
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सामान्यत: सिस्टम इकाई से
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निकालने योग्य
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निकालने योग्य
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लचीले विनायल की सामग्री से बनी हुई
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ताप, धूल और चुम्बकीय क्षेत्रों से नुकसान होने के प्रति कम पतिरोधी
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क्षति पहुँचने की कम सम्भावना चूँकि यह सिस्टम इकाई के भीतर होती है और इस प्रकार पैक की जाती है कि हवा जाने की भी जगह नहीं होती है
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विश्वसनीय, क्योंकि डाटा को किसी CD राइटर (केवल रीराइट करने योग्य CD) के बिना परिवर्तित नहीं किया जा सकता
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1:44 एमबी की संग्रह क्षमता
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40 जीबी या इससे अधिक डाटा संग्रह करता है
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650 एमबी से लेकर 700 एमबी तक का डाटा संग्रह करता है
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कम से कम 4-7 जीबी का डाटा संग्रह करता है।
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डाटा पढ़ता और लिखता है
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डाटा पढ़ता और लिखता है
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रीड-ओनली (एक बार लिख दिया गया हो तो डाटा को कभी मिटाया या अधिलेखित नहीं किया जा सकता )
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केवल पढ़ने हेतु
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(I) डायनैमिकरम (Dynamic RAM)-इससे डाटा को बार-बार रीफ्रेस करना होता है और यह स्टैटिक रैम की तुलना में सस्ता है।
(II)कैश मेमोरी (cache Memory)—यह मुख्य मेमोरी और CPU के बीच एक तीव्र मेमोरी है जिसमें बार-बार प्रयुक्त होने वाले डाटा तथा निर्देश संगृहीत रहते हैं।
(ii) हार्ड डिस्क (Hard Disk)
- यह एल्युमीनियम की बनी होती है। इस डिस्क पर चुम्बकीय पदार्थ का लेप लगा रहता है।
- इनकी भण्डार क्षमता बहुत अधिक होती है।
- यह कम्प्यूटर में लगी हुई हार्ड डिस्क को 'C' ड्राइव का नाम दिया जाता है।
(iv) सी. डी. रोम (Compact Disk Read Only Memory)
- सीडी पर लिखने के लिए सीडी राइटर का प्रयोग होता है।
- इनमें डाटा पढ़ने की गति हार्दिक की अपेक्षा धीमी होती है
- यह डिस्क पर डाटा लिखने की क्रिया को डाटा बर्न करना कहते हैं
- इसके ऊपर लिपिक पदार्थ में प्रकाश की किरण परावर्तित होती है
(V) DVD (DIGITAL VIDEO DISK)
- यह सीडी रोम की तरह होती है लेकिन उसकी भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती है
- इनमें ध्वनि के लिए डॉल्बी डिजिटल डिजिटल थिएटर सिस्टम का प्रयोग होता है
(VI) पेन ड्राइव(PEN DRIVE)
- स्तन के आकार की लक टॉनिक मेमोरी है उसे यूएसबी पोर्ट में लगा कर डाटा को संग्रहित या पढ़ा जा सकता है
- इनको फ्लैश drive भी कहा जाता है
- SMPS ……….. SWITCH MODE POWER SUPPLY
- SMTP ……….. SIMPLE MAIL TRANSFER PROTOCOL
- SQL ……….. STRUCTURED QUERY LANGUAGE
- SRAM ……….. STATIC RAM
- TCP ………..TRANSMISSION CONTROL PROTOCOL
- TCP/IP ……….. TRANSMISSION CONTROL PROTOCOL/INTERNET PROTOCOL
- TFT ……….. THIN FILM TRANSISTOR
- TTF ……….. TRUE TYPE FONT
- TTS ……….. TEXT TO SPEECH
- TTY ……….. TELETYPE
- UAC ……….. USER ACCOUNT CONTROL
- ULSI ……….. ULTRA LARGE SCALE INTEGRATION
- UNIVAC- ….. UNIVERSAL AUTOMATIC COMPUTER-I
- UPS ……….. UN-INTERRUPTIBLE POWER SUPPLY
- URL ……….. UNIFORM RESOURCE LOCATOR
- USB ………..UNIVERSAL SERIAL BUS
- VBA ……….. VISUAL BASIC FOR APPLICATIONS
- VBS ... VISUAL BASIC SCRIPT
- VDU ..... VISUAL DISPLAY UNIT
- VFS.. .... VIRTUAL FILE SYSTEM
- VGA .... VIDEO GRAPHIC ARRAY
- VLAN .. VIRTUAL LOCAL AREA NETWORK
- VLSI..VERY LARGE SCALE INTEGRATION
- VM ..VIRTUAL MEMORY
- VPN.. ... VIRTUAL PRIVATE NETWORK
- VSNL ..... VIDESH SANCHAR NIGAM LIMITED
- WAN... WIDE AREA NETWORK
- WAP. ... WIRELESS APPLICATION PROTOCOL
- WATS............... ... WIDE AREA TELEPHONE SERVICE
- WI-FI ............. WIRELESS FIDELITY
- WIMAX .. ...... WORLDWIDE INTEROPERABILITY FOR MICROWAVE ACCESS
- WINS ...... .. WINDOWS INTERNET NAMING SERVICE
- WLAN...... WIRELESS LOCAL AREA NETWORK
- WLL ...WIRELESS IN LOCAL LOOP
- WORM ................ WRITE ONCE READ MANY
- WPM .... ..... WORDS PER MINUTE
- WWAN............... WIRELESS WIDE AREA NETWORK
- WWW ................. WORLD WIDE WEB
- XML ..... .... E-XTENSIBLE MARKUP LANGUAGE
- Y2K. ... YEAR TWO THOUSAND
- ZIFS ... ZERO INSERTION FORCE SOCKET
- ZISC ..ZERO INSTRUCTION SET COMPUTER
- NTP……….. NETWORK TIME PROTOCOL
- OCR ………..OPTICAL CHARACTER READER
- ODBC ………..OPTICAL DATA BUSINESS CONNECTIVITY
- OMR……….. OPTICAL MARK READER
- OOP……….. OBJECT ORIENTED PROGRAMMING
- OS……….. OPERATING SYSTEM
- OSS ………..OPEN SOURCE SOFTWARE
- P2P ………..PEER TO PEER
- P A M ………..PULSE AMPLITUDE MODULATION
- PAN ………..PERSONAL AREA NETWORK
- PATA ………..PARALLEL ATA
- PC ………..PERSONAL COMPUTER
- PCI……….. PERIPHERAL COMPONENT INTERCONNECT
- PDL……….. PROGRAM DESIGN LANGUAGE
- PDP……….. PLASMA DISPLAY PANEL
- PGA ………..PIN GRID ARRAY
- PIC ………..PERIPHERAL INTERFACE CONTROLLER
- PL ………..PROGRAMMING LANGUAGE
- PNP ………..PLUG AND PLAY
- P O P……….. POST OFFICE PROTOCOL
- POS ………..POINT OF SALES
- PPI ………..PIXEL PER INCH
- PPP ………..POINT TO POINT PROTOCOL
- P R O M ………..PROGRAMMABLE READ ONLY MEMORY
- PSTN……….. PUBLIC SWITCHED TELEPHONE NETWORK
- PSU ………..POWER SUPPLY UNIT
- QDR ………..QUAD DATA RATE
- QRS ………..QUALITY OF SERVICE
- RADIUS ………..REMOTE AUTHENTICATION DIAL IN USER SERVICE
- R A I D ………..REDUNDANT ARRAY OF INDEPENDENT DISKS
- RAM ………..RANDOM ACCESS MEMORY
- RARP ………..REVERSE ADDRESS RESOLUTION PROTOCOL
- RDBMS……….. RELATIONAL DBMS
- DBMS ………..DATABASE MANAGEMENT SYSTEM
- R I P ………..ROUTING INFORMATION PROTOCOL
- RISC……….. REDUCED INSTRUCTION SET COMPUTER
- ROM……….. READ ONLY MEMORY
- RPG……….. REPORT PROGRAM GENERATOR
- RTGS……….. REAL TIME GROSS SETTLEMENT
- RTO S……….. REAL TIME OPERATING SYSTEM
- S A N ………..STORAGE AREA NETWORK
- SATA………..SERIAL ATA
- SCSI ………..SMALL COMPUTER SYSTEM INTERFACE
- SDL ………..SIMPLE DIRECT LAYER
- SDN……….. SERVICE DELIVERY NETWORK
- SDM RAM ………..SYNCHRONOUS DYNAMIC RAM
- ISP ………..INTERNET SERVICE PROVIDER
- ISR ………..INTERRUPT SERVICE ROUTINE
- ISV ……….. INDEPENDENT SOFTWARE VENDOR
- IT ………..INFORMATION TECHNOLOGY
- ITU ………..INTERNATIONAL TELECOMMUNICATION UNION
- JDS………..JAVA DESKTOP SYSTEM
- JMX ………..JAVA MANAGEMENT EXTENSIONS
- JNI ………..JAVA NATIVE INTERFACE
- JPEG ……….. JOINT PHOTOGRAPHIC EXPERT GROUP
- JS ………..JAVASCRIPT
- KB……….. KILOBYTE
- KBPS……….. KILO BYTE PER SECOND
- KHZ ………..KILO HERTZ
- LAN ………..LOCAL AREA NETWORK
- LCD ………..LIQUID CRYSTAL DISPLAY
- LIFO ………..LAST IN FIRST OUT
- LSB ……….. LEAST SIGNIFICANT BIT
- LSI ……….. LARGE SCALE INTEGRATION
- MAN ………..METROPOLITAN AREA NETWORK
- MB ……….. MEGABYTE
- MBCS……….. MULTIBYTE CHARACTER SET
- MBR……….. MASTER BOOT RECORD
- MDI ………..MULTIPLE DOCUMENT INTERFACE
- MICR ……….. MAGNETIC INK CHARACTER RECOGNITION
- MIMO……….. MULTIPLE INPUT MULTIPLE OUTPUT
- MIPS ……….. MILLION INSTRUCTION FOR SECOND
- MISD……….. MULTIPLE INSTRUCTION SINGLE DATA
- MMX ……….. MULTIMEDIA EXTENSION
- MNG ……….. MULTIPLE IMAGE NETWORK GRAPHICS
- MODEM……….. MODULATOR DEMODULATOR
- MPEG ………..MOTION PICTURE EXPERT GROUP
- MPL ………..MOZILLA PUBLIC LICENCE
- MSB……….. MOST SIGNIFICANT BIT
- MTNL ……….. MAHANAGAR TELEPHONE NIGAM LIMITED
- MVS ………..MULTIPLE VIRTUAL STORAGE
- NEXT ……….. NEAR AND CROSS TALK
- NFS ………..NETWORK FILE SYSTEM
- NIC ………..NETWORK INTERFACE CARD
- NMI ……….. NON MASKABLE INTERRUPT
- NNTP ………..NETWORK NEWS TRANSFER PROTOCOL
- NOS ……….. NETWORK OPERATING SYSTEM
- FDC ……….. FLOPPY DISK CONTROLLER
- FDD ………..FLOPPY DISK DRIVE
- FIFO……….. FIRST IN FIRST OUT
- FLOPS……….. FLOATING-POINT ORIENTATION PER SECOND
- FORTAN………..FORMULA TRANSLATION
- FPU……….. FLOATING POINT UNIT
- FSB……….. FRONT SIDE BUS
- FTP………..FILE TRANSFER PROTOCOL
- FXP……….. FILE EXCHANGE PROTOCOL
- GB………..GIGABYTE
- GCR………..GROUP CODE RECORDING
- GDI……….. GRAPHIC DEVICE INTERFACE
- GIGO………..GARBAGE IN GARBAGE OUT
- GPU………..GRAPHICS PROCESSING UNIT
- GUI……….. GRAPHICAL USER INTERFACE
- HAL……….. HARDWARE ABSTRACTION LAYER
- HCI……….. HUMAN COMPUTER INTERACTION
- HDD……….. HARD DISK DRIVE
- HDDVD………..HIGH-DEFINITION DVD
- HDL………..HARDWARE DEFINITION LANGUAGE
- HHD………..HYBRID HARD DRIVE
- HID……….. HUMAN INTERFACE DEVICE
- HLL……….. HIGH LEVEL LANGUAGE
- HPFS……….. HIGH-PERFORMANCE FILE SYSTEM
- HSM………..HIERARCHICAL STORAGE MANAGEMENT
- HTML………..HYPERTEXT MARKUP LANGUAGE
- HTTP………..HYPERTEXT TRANSFER PROTOCOL
- HTX………..HYPER TRANSPORT E-XPANSION
- IBM……….. INTERNATIONAL BUSINESS MACHINE
- IC………..INTEGRATED CIRCUIT
- ICMP………..INTERNET CONTROL MESSAGE PROTOCOL
- IDL……….. INTERFACE DEFINITION LANGUAGE
- IGMP………..INTERNET GROUP MANAGEMENT PROTOCOL
- IGRP……….. INTERIOR GATEWAY ROUTING PROTOCOL
- IIDC……….. INTEL INDIA DEVELOPMENT CENTRE
- I/O……….. INPUT OUTPUT
- IP………..INTERNET PROTOCOL
- IPC………..INTERNET PROCESS COMMUNICATION
- IPP………..INTERNET PRINTING PROTOCOL
- IPTV………..INTERNET PROTOCOL TELEVISION
- IPX……….. INTERNET PACKET EXCHANGE
- IRC………..INTERNET RELAY CHAT
- ISDN……….. INTEGRATED SERVICES DIGITAL NETWORK
- ISO……….. INTERNATIONAL STANDARD ORGANISATION
- CU……….. CONTROL UNIT
- DAC……….. DIGITAL TO ANALOGUE CONVERTER
- DAD………..DIRECT ACCESS DEVICE
- DAP……….. DIRECTORY ACCESS PROTOCOL
- DASD……….. DATA ACCESS STORAGE DEVICE
- DBA……….. DATABASE ADMINISTRATOR
- DCL……….. DIGITAL COMMAND LANGUAGE
- DDE……….. DYNAMIC DATA EXCHANGE
- DDR……….. DOUBLE DATA RATE
- DFL……….. DATA FLOW DIAGRAM
- DFS………..DISTRIBUTED FILE SYSTEM
- DHTML………..DYNAMIC HTML
- DLL………..DYNAMIC LINK LIBRARY
- DLP……….. DIGITAL LIGHT PROCESSING
- DMA……….. DIRECT MEMORY ACCESS
- DML……….. DATA MANIPULATION LANGUAGE
- DNS……….. DOMAIN NAME SYSTEM
- DOS……….. DISK OPERATING SYSTEM
- DPI………..DOTS PER INCH
- DRAM………..DYNAMIC RAM
- DSL………..DIGITAL SUBSCRIBER LINE
- DSL………..DOMAIN SPECIFIC LANGUAGE
- DVD……….. DIGITAL VERSATILE DISC
- DVI……….. DIGITAL VISUAL INTERFACE
- DVR……….. DIGITAL VIDEO RECORDER
- E MAIL……….. ELECTRONIC MAI
- E COMMERCE………..ELECTRONIC COMMERCE
- EBCDIC………..EXTENDED BINARY CODED DECIMAL INTERCHANGE CODE
- EDP………..ELECTRONIC DATA PROCESSING
- EDSAC………..ELECTRONIC DELAY STORAGE AUTOMATIC CALCULATOR
- EEPROM……….. ELECTRICALLY ERASABLE PROGRAMMABLE ROM
- EFI……….. EXTENSIBLE FIRMWARE INTERFACE
- EGA……….. ENHANCE GRAPHICS ARRAY
- EGP………..EXTERIOR GATEWAY PROTOCOL
- ELF……….. EXECUTABLE AND LINKABLE FORMAT
- ENIAC………..ELECTRONIC NUMERICAL INTEGRATED AND COMPUTER
- EOF……….. END OF FILE
- EOM……….. END OF MESSAGE
- EOL………..END OF LINE
- EPROM……….. ERASABLE PROGRAMMABLE ROM
- EXE………..EXECUTABLE
- FAT……….. FILE ALLOCATION TABLE
- FAQ……….. FREQUENTLY ASKED QUESTIONS
- FCS……….. FRAME CHECK SEQUENCE
- AAC……….. ADVANCED AUDIO CODING
- ABI……….. APPLICATION BINARY INTERFACE
- ADC………..ANALOGUE TO DIGITAL CONVERTER
- AHA……….. ACCELERATED HUB ARCHITECTURE
- AI………..ARTIFICIAL INTELLIGENCE
- ALGOL………..ALGORITHMIC LANGUAGE
- ALU……….. ARITHMETIC AND LOGICAL UNIT
- AMD……….. ADVANCED MICRO DEVICES
- AMR……….. AUDIO MODEM RISER
- API……….. APPLICATION PROGRAMMING INTERFACE
- ASCII……….. AMERICAN STANDARD CODE FOR INFORMATION INTERCHANGE
- ASP………..APPLICATION SERVICE PROVIDER
- ATA……….. ADVANCED TECHNOLOGY ATTACHMENT
- ATM………..AUTOMATIC TELLER MACHINE
- AVC………..ADVANCED VIDEO CODING
- AVI……….. AUDIO VIDEO INTERLEAVE
- BASIC………..BEGINNERS ALL PURPOSE SYMBOLIC INSTRUCTION CODE
- BCD………..BINARY CODED DECIMAL
- BER……….. BIT ERROR RATE
- BGP………..BORDER GATEWAY PROTOCOL
- BIOS………..BASIC INPUT OUTPUT SYSTEM
- BIT………..BINARY DIGIT
- BLOG………..WEB BLOG
- BPS………..BITS PER SECOND
- BSNL……….. BHARAT SANCHAR NIGAM LIMITED
- CAD………..COMPUTER AIDED DESIGN
- CAE……….. COMPUTER AIDED ENGINEERING
- CAI………..COMPUTER AIDED INSTRUCTION
- CD………..COMPACT DISC
- CD-R………..COMPACT DISC RECORDABLE
- CD-ROM………..COMPACT DISC READ ONLY MEMORY
- CD-RW……….. COMPACT DISC REWRITABLE
- CGA………..COLOUR GRAPHICS ARRAY
- CGI………..COMMON GATEWAY INTERFACE
- CLI………..COMMAND LINE INTERFACE
- COBOL………..COMMON BUSINESS ORIENTED LANGUAGE
- CPU………..CENTRAL PROCESSING UNIT
- CRT………..CATHODE RAY TUBE
- CSI………..COMMON SYSTEM INTERFACE
CCC IMPORTANT QUESTION NOTES
1.लाइनेक्स(LINUX), योनेक्स(UNIX) एंड विंडोज(WINDOWS) यह सभी ऑपरेटिंग सिस्टम(OPERATING SYSTEM) के प्रकार हैं.
2. नेटवर्क हार्डवेयर सॉफ्टवेयर और डाटा को अधिकृत प्रयोक्ताओं के बीच शेयर करता है
3.डिस्क के मुख्य डायरेक्टरी को रूट डायरेक्टरी कहते हैं
4.एंटीवायरस सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी यूटिलिटी का उदाहरण है
5.इनपुट आउटपुट और प्रोसेसिंग डिवाइस का एक समूह बना दिया जाए तो यह कंप्यूटर सिस्टम को निरूपित करता है
6.वेब पेज के रूप में वर्ड की फाइल को सेव करने के लिए उसे HTML फॉर्मेट में सेव करना पड़ेगा
7. टाइप करने पर जिस स्पेस में टेक्स्ट डाला जाएगा उसके दाएं स्क्रीन(screen tip) डिस्प्ले होगा
8. किसी फाइल को फ्लॉपी डिस्क से हार्ड डिस्क में कॉपी करने के बाद में हार्ड डिस्क में खोलना बेहतर है क्योंकि हार्ड डिस्क पर अधिक store कर सकते हैं
9. शिक्षा संस्थान सामान्यतः अपने डोमेन नाम में .edu का प्रयोग करते है
10. कंप्यूटर का मुख्य सिस्टम बोर्ड मदरबोर्ड कहलाता है
11.फाइलों को फ़ोल्डरों में स्टोर करके व्यवस्थित किया जाता है
12.जब हम डॉक्यूमेंट में scroll करते हैं तब insertion point move नहीं होता है
13.पेज पर चार टॉप ,बॉटम, राइट, लेफ्ट मार्जिन होते हैं
14.नई प्राप्त हुई email inbox मैं स्टोर होती है
15. निर्देशों की इस श्रंखला को प्रोग्राम कहते हैं जो कंप्यूटर को यह बताती है कि करना क्या है और कैसे करना है
16.सबसे ज्यादा प्रयुक्त होने वाली इनपुट डिवाइस कीबोर्ड है
17.एप्लीकेशन प्रोग्रामों की फाइलों में प्रयुक्त होने वाला सबसे कॉमन एक्सटेंशन .exe है
18.कंप्यूटर को उस विशाल नेटवर्क को WEB कहते हैं जो सारे विश्व में लाखों लोगों को कनेक्ट कर देता है
19.कंप्यूटर सिस्टम में सभी इनपुट और आउटपुट डिवाइसों को परिभाषित करने के लिए हार्डवेयर शब्द का प्रयोग किया जाता है
20.सीडी रोम और c d r w में अंतर c d r w में राइट किया जा सकता है लेकिन सीडी रोम में रीड किया जा सकता है
21.कंपाइलर और ट्रांसलेटर एक तरह के सॉफ्टवेयर होते हैं
22.मैग्नेटिक टेप स्टोरेज मीडिया केबल sequential access प्रोवाइड करता है
23.सामान्यतः वेब adress URL में स्थित होता ह
24. जब आप एक page कुछ टेक्स्ट को किसी अन्य दूसरे पेज पर move करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे अच्छी विधिकट एंड पेस्ट है
25. spam को जंक ईमेल या कंसोलिडेटेड बल्क मेल के रूप में भी जाना जाता है
26.e commerce कॉमर्स इंटरनेट पर उत्पादों तथा सेवाओं का क्रय विक्रय है
27. सीपीयू का प्रमुख कार्य प्रोग्राम अनुदेश पर अमल करना तथा डाटा और जानकारी प्रोसेस करना है 28.मल्टीमीडिया वेब पेज वेबसाइट और वेब आधारित एप्लीकेशन विकसित करने के लिए सबसे लोकप्रिय लैंग्वेज Java है
29.HTML डॉक्यूमेंट बनाने के लिए टेक्स्ट एडिटर की जरूरत होती है
30.कंप्यूटर ट्रांसलेशन प्रोग्राम के बिना सीधे मशीन लैंग्वेज भाषा को समझती है
31.पहले से ऑन कंप्यूटर को रीस्टार्ट करने को rebooting कहते हैं
32.एक समय में एक से अधिक एप्लीकेशन चलाने की ऑपरेटिंग सिस्टम की क्षमता को मल्टीटास्किंग कहते हैं
33.मेनफ्रेम या सुपर कंप्यूटर को एक्सेस करने के लिए user टर्मिनल का प्रयोग करते हैं
34 टैब कुंजी का प्रयोग स्क्रीन में cursor को move करने तथा पैराग्राफ को एडिट करने के लिए किया जा सकता है
35.save or save as के लिए फाइल menu ko select किया जाता है
36.किसी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए कंट्रोल पी(ctrl+P) प्रेस किया जाता है उसके बाद enter press किया जाता है
37.चार्ट बनाने के लिए chart wizard का प्रयोग किया जाता है
38.यूआरएल URL का फुल फॉर्म यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर होता है
39.CPU में एक कंट्रोल यूनिट और अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट तथा मेमोरी शामिल है
40.एक्सेल में शॉर्टकट कुंजी कंट्रोल प्लस आर(ctrl+r) का प्रयोग किया जाता है राइट साइड में सेलेक्ट किए गए cell को भरने के लिए
41.कंप्यूटर को रिबूट करने के लिए alt+ctrl+del
42.बैक, कैमरा, फेल्ड ,रिकॉर्ड, फाइल डेटाबेस छोटे से बड़े क्रम में
43.PCS (पल्स कोड मोड्यूलेशन) एनालॉग तो डिजिटल का एक उदाहरण है
44.dial up इंटरनेट एक्सेस का क्या लाभ है यह विद्यमान टेलीफोन सेवा का उपयोग करता है
45.बैकअप मूल स्रोत से सभी किसी भिन्न डेस्टिनेशन पर कॉपी करके डाटा का संरक्षण करना है
46.ब्राउज़र इंटरनेट पर web page देखने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया सॉफ्टवेयर
47.एक एक्सेल वर्कशीट का नाम बदलने के लिए वर्कशीट टैब पर डबल क्लिक करें और एक नया नाम टाइप करें
48.वेब सर्वर से किसी वेबसाइट या वेब कंटेंट में प्रवेश पाने के लिए क्लाइंट को रिक्वेस्ट भेजना पड़ता है 49.यदि आप फ्लॉपी की फाइलों को डिलीट करने की कोशिश करते हैं तो फाइल डिलीट हो जाती है फिर से रिस्टोर नहीं की जा सकती
50.आप डिजिट के बाइनरी नंबर को वाइट(byte) कहते हैं
51.फ्रीवेयर के दो उदाहरण लिनक्स और यूनिक्स हैं
52.रिलेशनल डेटाबेस में एक डाटा स्ट्रक्चर है जो एक सिंगल टॉपिक संबंधी इंफॉर्मेशन को पंक्तियों और स्तंभों में व्यवस्थित करता है TABLE
53.डिलीट किया हुआ डाटा डेस्क पर रहता है जब तक रीसायकल बिन को खाली ना किया जाए
54.कंप्यूटर में डिस्क डिस्क ड्राइव में डाली जाती है
55.टेक्स्ट और अन्य डाटा को क्लिपबोर्ड temporary एरिया में स्टोर किया जाता है और बाद में किसी दूसरी जगह पर paste किया जाता है
56. d o c, .HTML यह एक्सटेंशन के उदाहरण है
57.इंस्ट्रक्शन कि उस श्रृंखला को प्रोग्राम कहते हैं जो कंप्यूटर को बताती है क्या करना है और कैसे करना है
58.कीबोर्ड में कैपिटल लेटर को कैप्स लॉक दबाकर इस्तेमाल करते हैं
59.रोम नॉन वोलेटाइल मेमोरी का उदाहरण है
60. सेव करना मैमोरी से स्टोरेज माध्यम में डॉक्यूमेंट को कॉपी करना का प्रोसेस है
61.लैंड लोकल एरिया नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर से इंफॉर्मेशन और पेरीफेरल उपकरण शेयर कर सकते हैं 62.कंप्यूटर का कौन सा भाग सूचना को स्टोर करने में सहायक होता है डिस्क ड्राइव
63.एक फाइल के विषय को देखते हैं mouse दाएं बटन को दो बार दबाने से
64.ब्राउज़र इंटरनेट पर वेबपृष्ठ देखने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया सॉफ्टवेयर
65.जब एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ा जाता है और सूचनाओं को भेजा जाता है तो इसे रिमोट डेस्कटॉप कहा जाता है
66. मेमोरी ram या रोम की दक्षता मापी जाती है मेगा बाइट
67.टीसीपी आईपी (TCP/IP)इंटरनेट का स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है
68.जब आप PC वूट अप् करते हैं तब ऑपरेटिंग सिस्टम के अंश डिस्क से मेमोरी में कॉपी होते हैं
69.एक ही डाटा को कई जगहों पर सेव करना रेजीडेंसी(RESUNDENCY) कहलाता है
70.जब आप मॉनिटर पर सेव क्लिक करते हैं और ड्राइव में फ्लैश ड्राइव या फ्लॉपी डिस्क नहीं होता तो आपके द्वारा प्रयुक्तडॉक्यूमेंट या एप्लीकेशन हार्ड ड्राइव पर होता है
71.यह कैसे निर्धारित कर सकता है कि कंप्यूटर पर कौन सा प्रोग्राम उपलब्ध है इंस्टॉल प्रोग्राम की लिस्ट के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम चेक करके
72. कट कॉपी और पेस्ट करने के लिए एडिट मैन्यू सिलेक्ट किया जाता है
73. NUMERIC KEYS से NUMBER जल्दी टाइप किए जा सकते हैं
74.OCTAL सिस्टम में किसी नंबर को निरूपित करने के लिए बाइनरी सिस्टम से ज्यादा डिजिट की जरूरत होती है
75.कंपाइलर प्रोग्राम SOURCE CODE को OBJECT CODE में अनुवाद करता है
76.डिवाइस ड्राइवर ऑपरेटिंग सिस्टम का अंतर्मन भाग होता है
77.सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर और INTERNAL RESOURCES MANAGE करने में सहायता करता है
78.वर्ड प्रोसेसिंग में तीसरे पैराग्राफ को 5 पैराग्राफ के बाद ले जाने का प्रभावशाली तरीका कट और पेस्ट है
79. पेज पर शब्द टेक्स्ट फॉर्मेटिंग के रूप में दिखेंग
80. डॉक्यूमेंट बनाने के लिए बेसिक HTML का प्रयोग करने का लाभ यह है कि सभी Browser डॉक्यूमेंट को डिस्प्ले कर सकते हैं
81.हार्ड डिस्क नॉन वोलेटाइल प्रकार का स्टोरेज है
82. वर्ड में कॉलम डाटा बनाने के लिए टाइप सेट करें या टेबल मेनू का प्रयोग करें
83.MODEM -MODULATOR DEMODULATOR
84.ईमेल- इलेक्ट्रॉनिक मेल
85.इंटरनेट का पूरा नाम इंटरनेशनल नेटवर्क है
86.सूचना राजपथ इंटरनेट को कहते हैं
87.ईमेल का जन्मदाता RAY TOMILSON माना जाता है
88.www के अविष्कारक टीम बर्नर्स ली है
89.इंटरनेट का स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल टीसीपी आईपी है
90.सबसे लोकप्रिय इंटरनेट गतिविधि संप्रेषण है
91.वेब पेज को रीलोड करने के लिए रिफ्रेश दबाया जाता है
92.ईमेल लिखना पत्र लिखने के समान है
93.पेज पर शब्द टेक्स्ट फॉर्मेटिंग के रूप में दिखेंगे
94.डॉक्यूमेंट बनाने के लिए बेसिक HTML का प्रयोग करने का लाभ यह है कि सभी ब्राउज़र डॉक्यूमेंट को डिस्प्ले कर सकते हैं
95.मोशन पिक्चर क्लिपर को बदलने के लिए वीडियो एडिटिंग का सॉफ्टवेयर प्रयोग किया जाता है
96. SPACE ईमेल का भाग नहीं है
97.rediffmail Yahoo और हॉटमेल सभी निशुल्क ईमेल सेवा प्रदान करते हैं
98. सॉफ्टवेयर में कमांडों और ऑप्शनों की सूचियां टूल बार में होती हैं
99.एमएस ऑफिस 2000 को माइक्रोसॉफ्ट ने बनाया
100.माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के FOUNDER PAUL ALLEN AND बिल गेट्स है
101.विंडोज सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया IBM के द्वारा
102.SS Windows किस प्रकार का सॉफ्टवेयर है gui
103.विंडोज 98 का विकास 1998 में हुआ
104.चिकित्सा शास्त्र के जनक को HIPPOCRATUS है
105.भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्र में है
106.विश्व में सर्वाधिक कंप्यूटर वाला देश संयुक्त राज्य है
107. Facebook का सबसे अधिक यूजर अमेरिका के हैं
108.कीबोर्ड को हिंदी में कुंजीपटल कहा जाता है
109.ट्विटर के सबसे अधिक यूजर TURKEY में है
110.Android का संबंध कंप्यूटर के प्रोसेसर से नहीं है
111.स्क्रीन पर प्रदर्शित पिक्सेल की संख्या स्क्रीन रेजोल्यूशन के नाम से जाना जाता
है
112.दक्षिण गंगोत्री अंटार्कटिका में स्थित है
113.टेक्स्ट में आपकी पोजीशन CURSOR दिखाता है
114.वर्कशीट में सेलों का आयताकार समूह सेल रेंज है
115. स्टोरेज डिवाइस के मेन फोल्डर को रूट डायरेक्टरी कहते हैं
116. प्रिंट के लिए फाइल मेनू सेलेक्ट किया जाता है
117.कट कॉपी और पेस्ट करने के लिए एडिट मैन्यू सिलेक्ट किया जाता है
118.एक्सेल में सेल के कंटेंट्स को FORMULA BAR डिस्प्ले करता है
119. कंप्यूटर में संचित फाइलों के समूह को डायरेक्टरी कहां जाता है
120.किसी डेटाबेस के डाटा फाइलों की सूचि को डाटा डिक्शनरी कहा जाता है
121.एम एस वर्ड में स्पेलिंग को सही करने वाले सॉफ्टवेयर को स्पेल चेक कहते हैं
122.सारे वर्ड डॉक्यूमेंट का डिफाल्ट फाइल एक्सटेंशन .DOC है
123.किसी कॉलम में टेक्स्ट पराया ALIGN होते हैं
124. एक्सेल में चार्ट WIZARD के प्रयोग से चार्ट बनाए जा सकते हैं
125. बाय डिफ़ॉल्ट डॉक्यूमेंट किस मोड में प्रिंट होता है पोर्ट्रेट
126.डायरेक्टरी में डायरेक्टरी को सब डायरेक्टरी कहा जाता है
127.परस्पर संबंधित रिकॉर्ड के समूह को क्या कहते हैं डेटाबेस
128.नई स्लाइड के लिए कीबोर्ड शॉर्टकट CTRL+N है
129.एम एस वर्ड डॉक्यूमेंट में अक्षरों के नीचे लाल लहर का निशान स्पेलिंग में त्रुटि को दर्शाता है 130.एक्सेल में सेल की पहचान एड्रेस करता है
131.भारत में सुपर कंप्यूटर परम का निर्माण पुणे में किया गया
132.डिजिटल कंप्यूटर की कार्य पद्धति गणना एवं तर्क सिद्धांत पर आधारित होती है
133. VACCUME TUBE प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से संबंधित है
134. प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग करते थे
135.माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन का संबंध कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से है
136.गूगल सर्च इंजन है
137.IBM कंपनी है
138.कंप्यूटर में परमानेंट मेमोरी को रोम कहते हैं
139. कंप्यूटर केMAIN SYSTEM BOARD मदरबोर्ड कहते हैं
140. आजकल सबसे अधिक प्रयोग होने वाली इनपुट डिवाइस माउस है
141. सुपर कंप्यूटर के लिए शब्द लंबाई का परास होता है 64 BIT तक
142.बाइनरी कोड में संख्या 7 लिखी जाती है 111
143.डाट मैट्रिक्स प्रिंटर का एक प्रकार है
144.MODEM कंप्यूटर को टेलीफोन लाइन से जोड़ता है
145.कंप्यूटर में विंडो एक प्रकार का सॉफ्टवेयर
146.कंप्यूटर वायरस एक प्रकार सॉफ्टवेयर मुख्यता प्रोग्रामों को नष्ट करता है
147.प्रकाश भंडारण सूचना प्रद्योगिकी नहीं है
148.विश्व का सबसे तेज कंप्यूटर है अनुपम एक सुपर कंप्यूटर है
149.भारत में विकसित परम सुपर कंप्यूटर का विकास किस संस्था ने किया है C-DEC
150.BIT कंप्यूटर की सबसे छोटी इकाई है
151.माइकल एंजेलो एक कंप्यूटर वायरस है
152.सारे कंप्यूटर में मशीनी भाषा लागू होती है
153.APPLE चौथी पीढ़ी का एक कंप्यूटर है
154.अनुपम भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित सुपर कंप्यूटर परयोजना है
155.क्वांटम कंप्यूटर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली की नकल करने वाला सबसे तेज गति वाला कंप्यूटर होगा 156.एक लोकप्रिय विंडो इन इन्वायरमेंट Windows 3 माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 2000 में निर्मित की गई
157. SPAM कंप्यूटर विषय से संबंधित शब्द है
158.फाइल को अक्सर डॉक्यूमेंट कहते हैं
159.परस्पर संबंधित रिकॉर्ड के समूह को डेटाबेस कहा जाता है
160.कंप्यूटर के कार्य करने के सिद्धांत है प्रॉसेस
161.माइक्रोप्रोसेसर जो कंप्यूटर का मस्तिष्क होता है उसे माइक्रोचिप कहा जाता है
162.प्रयोक्ता दस्तावेज को जो नाम देता हैं उसे फाइल नाम कहते हैं
163 विद्यमान डॉक्यूमेंट को परिवर्तित करना डॉक्यूमेंट की एडिटिंग कहलाता है
164. एम एस एक्सेल में चार्ट बनाने के लिए इंसर्ट मेनू चार्ट का विकल्प सही है
165. CTRL+S की सहायता से हम किसी दस्तावेज को बचा सकते हैं
166. स्प्रेडशीट में डाटा कैसे ऑर्गेनाइज होता है रोज एंड कॉलम
167. टेक्स्ट आधारित डॉक्यूमेंट तैयार करने वाला सॉफ्टवेयर को वर्ड कहते हैं
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