इनपुट और आउटपुट डिवाइस(INPUT AND OUTPUT DEVICES)


अध्याय-3

इनपुट और आउटपुट डिवाइस [INPUT AND OUTPUT DEVICE)

जिन युक्तियों का प्रयोग डाटा और निर्देशों को कम्प्यूटर में प्रविष्ट कराने के लिए किया जाता है, वे सभी युक्तियाँ आगम अवा इनपुट डिवाइस (Input Device) है। यह भी कहा जा सकता है कि मानवीय भाषा में प्रविष्ट किए जा रहे डाटा अथवा प्रोग्राम को कम्प्यूटर के समझने योग्य रूप में परिवर्तित करने के लिए प्रयोग की जाने वाली युक्तियों को इनपुट युक्तियाँ कहा जाता है।

इनपुट युक्तियों के उदाहरण-की-बोर्ड, टैकर बॉल, लाइट पेन, जायस्टिक, हैण्ड-हैल्ड टर्मिनल, बार कोड रिकॉग्नीशन, OMR,OCR and MICR

(i) की-बोर्ड (Key-board) मुख्य और सुगम ऑनलाइन इनपुट डिवाइस है। यह एक टाइपराइटर के समान कुजियों वाला उपकरण  है । इसमें कुंजियों की संख्या टाइपराइटर से अधिक होती है।
की-बोर्ड की सभी कुंजियों को हम चार श्रेणियों में बाँट सकते हैं-
  • एल्फान्यूमेरिक कंजियाँ
  • न्यूमेरिक पैड
  • फंक्शन-कुंजियाँ
  • विशिष्ट उद्देशीय कुंजियाँ।

(ii) माउस (Mouse)—यह एक ऑनलाइन इनपुट डिवाइस है जिसे हम अपने हाथ में पकड़कर काम में लेते हैं। समतल सतह पर माउस को खिलाने से इसमें नीचे लगी बॉल घूमती है, जो माउस में लगे छोटे-छोटे रोलरों को संवेदित करती है।

(iii) ऑप्टीकल मार्क रीडर (OMR : Optical Mark Reader)--यह किसी कागज पर पेन्सिल या पेन के चिह्न की उपस्थिति और अनपस्थिति को जाँचती है। यह तकनीकी केवल छपे हुए कार्ड या फार्म पर निश्चित स्थानों पर बने बक्सों और पेन्सिल से भरे बक्सों को जाँचती है।

(iv) ऑप्टीकल कैरेक्टर रिकॉग्नीशन (OCR : Optical Character Recognition)--एक ऐसी तकनीक है जिसमें पहले से छपे कैरेक्टर्स को परस्पर फर्क देखकर मानक कैरेक्टर्स से पहचान की जाती है।

(v) मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर (MICR : Magnetic Ink Character Reader)-बैंकिंग में अधिक उपयोग की जाने वाली तकनीक है, जहाँ अधिक संख्या में चेक जाँचे जाते हैं। इस तकनीक में चेक पर विशेष चुम्बकीय स्याही द्वारा कैरेक्टर छपे होते हैं। रीडर चेक पर छपे कैरेक्टर को चुम्बकीय कॉइल के संवेदन से पढ़ता है।

(vi) स्कैनर (Scanner)—ये कम्प्यूटर में किसी पृष्ठ पर बनी आकृति या लिखित सूचना को सीधे इनपुट करता है। इसका मुख्य लाभ यह कि यूजर को सूचना टाइप नहीं करनी पड़ती है।

(vii) जॉयस्टिक (Joystick)यह खेल खेलने के काम में आने वाली डिवाइस है। जॉयस्टिक के माध्यम से स्क्रीन पर उपस्थित टर्टर या आकृति को इसके हैण्डल से पकड़ कर चलाया जा सकता है।

(viii) लाइट पेन (Light Pen)–लाइट पेन का कम्प्युटर स्क्रीन पर कोई भी आकृति बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। लाइट पेन में एक फोटो सेल होता है लाइट पेन की टिप से कम्प्यूटर स्क्रीन पल्स स्क्रीन से ट्रॉन्समिट होकर प्रोसेसर के अन्दर प्रवेश कर जाती है।

(ix) डिजीटाइजर टेबलेट या ग्राफिग टेबलेट (Digitizer Tablet)–ग्राफिग टेबलेट एक ड्राइंग सतह होती है इसके ऊपर पेन या माउस होता है। ड्राइंग सतह में पतले तारों का जाल होता है जिस पर पेन या माउस को चलाने से संकेत कम्प्यूटर में चले जाते हैं।

(x) टच स्क्रीन (Touch Screen)—सारे टच टर्मिनल एक सेन्सीटिव स्क्रीन रखते हैं जिनमें कि एक की-बोर्ड होता है तथा वह डाटा को इनपुट कराने की अनुमति प्रदान करता है।

आउटपुट डिवाइस (Output Device) 

(i) मॉनीटर (Monitor)
  • मॉनीटर आउटपुट डिवाइस चित्र या प्रोसेस इनपुट की रिजल्ट को स्क्रीन पर दिखाता है।
  • ये कम्प्यूटर और यूजर के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है।
(ii) प्रिण्टर (Printer)
  • यह एक मुख्य आउटपुट डिवाइस है। इसके द्वारा प्रिण्टेड कॉपी या हार्ड कॉपी कागज पर प्राप्त की जाती है।
(iii) स्पीकर (Speaker)
  • स्पीकर ध्वनि के रूप में आउटपुट देता है।
  • इनके लिए CPU में साउण्ड का कार्ड होना आवश्यक है।
  • इनका उपयोग संगीत या किसी तरह की ध्वनि सुनने में होता है।
(iv) प्लॉटर (Plotter)
  • प्लॉटर एक साउण्ड डिवाइस है, जिसका उपयोग ग्राफ प्राप्त करने के लिए होता है।
  • इनका उपयोग इंजीनियर, चिकित्सक, वास्तुविद, सिटीप्लॉनर, आदि करते हैं।
  • प्लॉटर ग्राफ तथा रेखाचित्र जैसे आउटपुट प्रदान करता है। .
(v)स्कीन इमेज प्रोजेक्टर (Screen Image Projector)
  • यह एक हार्डवेयर डिवाइस है, जो बडी सतह पर्दे पर चित्रों को दिखाता है।  
  • इसका प्रयोग प्रस्तुतियों और बैठकों में किया जाता है।

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