मेमोरी (MEMORY)


अध्याय-4

मेमोरी (MEMORY]
  • यह मेमोरी कम्प्यूटर को आन्तरिक भण्डारण क्षेत्र है।
  • मेमोरी में जमा डाटा और निर्देश की प्रोसेसिंग की जाती है तथा आउटपुट मिलता है।
  • मेमोरी कम्प्यूटर का एक अभिन्न अंग है।
डाटा प्रतिनिधित्व (Data Representation)
  • यह मेमोरी बहुत सारे सैल में बँटी होती है जिन्हें लोकेशन कहा जाता है।
  • हर लोकेशन का एक अलग लेबिल होता है जोकि एड्रेस कहलाता है।
  • सैल का उपयोग डाटा तथा निर्देश को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।
  • यह बर्ड लेन्थ 8,16,32,64 बिट की हो सकती है।
  • बिट बाइनरी डिजिट की सबसे छोटी इकाई है।
मेमोरी के प्रकार (Types of Memory)
  • सेमीकण्डक्टर (Semiconductor) याप्राथमिक (Primary) या मुख्य (Main) मेमोरी
  • कैश (Cache)
  • अस्थायी (Volatile)
  • स्थायी (Non-volatile) - रोम (ROM) -- प्रॉम् । - ई-प्रॉम ई-ई प्रॉम
  • रैम (RAM)
  1. द्वितीयक (Secondary) या सहायक (Auxiliary) या बेकिंग स्टोर (Backing Store) मेमोरी
  • हार्ड डिस्क
  • मैग्नेटिक टेप
  • सीडी रोम
  • फ्लॉपी डिस्क
  • पेन ड्राइव
  • फ्लैश मेमोरी
  • डीवीडी
(A) प्राथमिक संग्रहण

यह वह युक्तियाँ होती हैं जिसमें डाटा व प्रोग्राम्स तत्काल प्राप्त एवं संग्रह किये जाते हैं।

रीड-राइट मेमोरी, रैम (RAM)-इस मेमोरी में प्रयोगकर्ता अपने प्रोग्रम को कुछ देर के लिए संचित कर सकते हैं, यही कम्प्यूटर की बेसिक मेमोरी भी कहलाती है।

यह निम्नलिखित दो प्रकार की होती हैं।

1. स्टैटिक रैम (SRAM)-स्टैटिक रैम में संचित किए गए आँकड़े स्थित रहते हैं। इस RAM में बीच के दो आँकड़े मिटा दिए जाएँ, तो इस खाली स्थान पर आगे वाले आँकड़े खिसक कर नहीं आएँगे।

2. रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory)--इसमें लिखे हुए प्रोग्राम के आउटपुट को केवल पढ़ा जा सकता है, परन्तु उसमें अपना प्रोग्राम संचित नहीं किया जा सकता। बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (BIOS) नाम का एक प्रोग्राम ROM का उदाहरण है, जो कम्प्यूटर के ऑन होने पर उसका सभी इनपुट आउटपुट युक्तियों की जाँच करने एवं नियन्त्रित करने का काम करता है।

प्रोग्रामेबिल रॉम (PROM: Programmable Read Only Memory)इस स्मृति में किसी प्रोग्राम को केवल एक बार संचित किया जा सकता है परन्तु न तो उसे मिटाया जा सकता है और न ही उसे संशोधित किया जा सकता है। मिटाया जा सकता है।

इरेजेबिल प्रॉम (EPROM: Erasable Programmable Read Only Memory)-इसमें संचित किया गया प्रोग्राम पराबैंगनी किरणों के माध्यम से मिटाया जा सकता है

(EPROM: Electricaly Erasable Programmable Read Only Memory)- इलेक्टिकली इरेजेबिल प्रॉम पर स्टोर किये गए प्रोग्राम को मिटाने अथवा संशोधित करने के लिए किसी अन्य उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। कम्प्यूटर में उपलब्ध इलेक्ट्रिक सिगनल्स ही इसे प्रोग्राम को संशोधित कर देते हैं।

(B) द्वितीयक संग्रहण

यह एक स्थाई संग्रहण युक्ति है। इसमें संग्रहित डाटा तथा प्रोग्राम्स कम्प्यूटर के ऑफ होने के बाद भी इसमें स्थित रहते हैं।

मैग्नेटिक टैप-इसमें 1/2 इंच चौडाई वाली प्लास्टिक की बिना जोड वाली लम्बी पट्टी होती है जिस पर फैरोमैग्नेटिक पदार्थ की परत चढ़ाई जाती है।।

मैग्नेटिक डिस्क-इसमें सभी डिस्क  एक के ऊपर एक समान्तर लगी होती हैं। सभी डिस्कों के बने इस माध्यम को डिस्क पैक कहते हैं। डिस्क पैक में। 11 अथवा 20 ऐसी सतहें होती हैं।

फ्लॉपी डिस्कयह एक छोटी लचीली डिस्क होती है जिसकी डाटा संग्रह करने की क्षमता बहुत अधिक नहीं होती। एक लचीली प्लास्टिक शीट के ऊपर मैग्नेटिक ऑक्साइड कोडिंग करके इसे तैयार किया जाता है।
रेण्डम एक्सेस मेमोरी (RAM)
रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory)
  • संग्रह क्षेत्र का उपयोग अस्थायी तौर से प्रोग्राम रखने और डाटा की प्रक्रिया करने के लिए किया जाता है।
  • संग्रह क्षेत्र का उपयोग किसी कम्प्यूटर की कार्रवाई के लिए आवश्यक   निर्देशों को रखने के लिए किया जाता है। ये निर्देश स्थायी रूप से संग्रहीतकिए जाते हैं। वे मिटाए नहीं जा सकते या संशोधित नहीं किए जा सकते।
  • बिजली की आपूर्ति जिस क्षण बन्द कर दी जाती है तो डाटा खो जाता है।
  • कम्प्यूटर को भले ही बन्द कर दिया जाय उसके बाद भी डाटा नहींखोता।
फ्लॉपी डिस्क
फ्लॉपी डिस्क
CD-ROM
 DVD
डिस्केट या फ्लॉपी के रूप में भी सन्दर्भित
 फिक्स्ड डिस्क के रूप में भी सन्दर्भित
कॉम्पैक्ट डिस्क के रूप में भी सन्दर्भित
डिजिटल परिवर्तनशील डिस्क के रूप में सन्दर्भित
निकालने योग्य
सामान्यत: सिस्टम इकाई से
निकालने योग्य
निकालने योग्य
लचीले विनायल की सामग्री से बनी हुई
ताप, धूल और चुम्बकीय क्षेत्रों से नुकसान होने के प्रति कम  पतिरोधी
क्षति पहुँचने की कम सम्भावना  चूँकि यह सिस्टम इकाई के  भीतर होती है और इस प्रकार  पैक की जाती  है कि हवा जाने की भी जगह नहीं होती है
विश्वसनीय, क्योंकि डाटा को  किसी CD राइटर (केवल रीराइट करने योग्य CD) के बिना परिवर्तित नहीं किया जा सकता
1:44 एमबी की संग्रह क्षमता
40 जीबी या इससे अधिक डाटा संग्रह करता है
650 एमबी से लेकर 700 एमबी तक का डाटा संग्रह करता है
कम से कम 4-7 जीबी का डाटा संग्रह करता है।
डाटा पढ़ता और लिखता है
डाटा पढ़ता और लिखता है
रीड-ओनली (एक बार लिख दिया गया हो तो डाटा को कभी मिटाया या अधिलेखित नहीं किया जा सकता )
केवल पढ़ने हेतु
(I) डायनैमिकरम (Dynamic RAM)-इससे डाटा को बार-बार रीफ्रेस करना होता है और यह स्टैटिक रैम की तुलना में सस्ता है।

(II)कैश मेमोरी (cache Memory)यह मुख्य मेमोरी और CPU के बीच एक तीव्र मेमोरी है जिसमें बार-बार प्रयुक्त होने वाले डाटा तथा निर्देश संगृहीत रहते हैं।

(ii) हार्ड डिस्क (Hard Disk)
  •   यह एल्युमीनियम की बनी होती है। इस डिस्क पर चुम्बकीय पदार्थ का लेप लगा रहता है।
  •   इनकी भण्डार क्षमता बहुत अधिक होती है।
  •   यह कम्प्यूटर में लगी हुई हार्ड डिस्क को 'C' ड्राइव का नाम दिया जाता है।
(iv) सी. डी. रोम (Compact Disk Read Only Memory) 
  • सीडी पर लिखने के लिए सीडी राइटर का प्रयोग होता है।
  • इनमें डाटा पढ़ने की गति हार्दिक की अपेक्षा धीमी होती है
  • यह डिस्क पर डाटा लिखने की क्रिया को डाटा  बर्न करना कहते हैं
  • इसके ऊपर लिपिक पदार्थ में प्रकाश की किरण परावर्तित होती है
(V) DVD (DIGITAL VIDEO DISK)
  • यह सीडी रोम की तरह होती है लेकिन उसकी भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती है
  • इनमें ध्वनि के लिए डॉल्बी डिजिटल डिजिटल थिएटर सिस्टम का प्रयोग होता है
(VI) पेन ड्राइव(PEN DRIVE)

  • स्तन के आकार की लक टॉनिक मेमोरी है उसे यूएसबी पोर्ट में लगा कर डाटा को संग्रहित या पढ़ा जा सकता है
  • इनको  फ्लैश  drive भी कहा जाता है

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